खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां। खाने में प्यार के साथ साथ और जाने क्या क्या रस मिलाती थी मां।
जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, मेरी फसलें डूब गई....... जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, म...
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस
इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते हैं रास्ता इंसान हैं हम कोई भगवान नहीं, गलतियाँ हमसे ना हो ये हो नहीं सकता भटक जाते ...
घाव तो शारीरिक यातना के , लेते कुछ समय मगर भर जाते हैं, पर घाव तो व्यंग्य-विचारोंं क घाव तो शारीरिक यातना के , लेते कुछ समय मगर भर जाते हैं, पर घाव तो व्यंग्य-वि...